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Google Gemini AI Nano Banana से अपने रेट्रो साड़ी पिक्चर कैसे बनाएं: स्टेप-बाय-स्टेप गाइड

आजकल AI हर चीज़ कर रहा है – प्लेलिस्ट बनाने से लेकर आउटफिट स्टाइल करने तक। अब इसने भारत की सबसे प्यारी ड्रेस, साड़ी, पर भी अपना जादू चला दिया है। Google के Gemini AI Nano Banana टूल की मदद से सोशल मीडिया पर रेट्रो साड़ी के सपनों जैसे एडिट्स छाए हुए हैं। सोचिए, हल्की चिफ़ॉन साड़ी हवा में उड़ती हुई, 60s और 70s की पोल्का डॉट साड़ी से सजी हुई या सुनहरी रोशनी में चमकती काली साड़ी। सबसे अच्छी बात? इसके लिए प्रोफेशनल एडिटर बनने की जरूरत नहीं है। कुछ आसान स्टेप्स में आप खुद को रेखा, हेमा मालिनी या विंटेज श्रीदेवी की तरह दिखा सकते हैं। साड़ी क्यों खास है साड़ी सिर्फ कपड़ा नहीं है, यह कहानी, यादें और पहचान है। पीढ़ियों से यह शक्ति, गरिमा और स्त्रीत्व का प्रतीक रही है। AI एडिट्स इसे नया रूप दे रहे हैं – पुराने जमाने का चार्म आधुनिक तरीके से पेश कर रहे हैं। चिफ़ॉन साड़ी का जादू चिफ़ॉन साड़ी को रेट्रो बॉलीवुड सेट में या हेंडलूम सिल्क को 70s की सेपिया फोटो में बदलना, हमें याद दिलाता है कि साड़ी ट्रेंड्स से परे है। यही कारण है कि ये AI-जनरेटेड रेट्रो साड़ी पिक्चर्स वायरल हो रहे हैं। Google Gemini AI ...

गणेश स्थापना विधि: घर पर पूजा, दिशा, मुहूर्त, मंत्र और निस्तारण गाइड

 गणेश स्थापना कैसे करें? — घर पर गणेश जी की मूर्ति की स्थापना (पूर्ण मार्गदर्शिका)

गणेश स्थापना कैसे करें? — घर पर गणेश जी की मूर्ति की स्थापना (पूर्ण मार्गदर्शिका)

क्यों सही तरीके से स्थापना ज़रूरी है

गणेश स्थापना सिर्फ रूप-रिति नहीं, बल्कि घर में सकारात्मक ऊर्जा और बाधा-निवारण का प्रतीक मानी जाती है। सही मुहूर्त, दिशाएँ और शुद्धता का पालन करने से पूजा का फल माना जाता है। ताज़ा त्योहार-रिपोर्ट्स में भी घर पर स्थापना के नियम और परंपराएँ प्रमुख रूप से बताई जा रही हैं। 

किस दिशा में गणेश रखें (वास्तु नियम)। 
स्थापना से पहले की तयारी — सफाई, शुद्धिकरण और सामग्री। 
चरण-दर-चरण स्थापना विधि और दिए जाने वाले मंत्र/भोग। 
पुरानी मूर्ति के साथ क्या करें (विसर्जन/संरक्षण/पुनःपूजा)। 

1) तैयारी (पूर्व आवश्यकताएँ)

1. स्थान की सफाई — पूजा स्थल और घर की साफ़-सफाई करें। मिट्टी/कपड़े से मंच तैयार रखें। 

2. मूर्ति चुनें — परंपरा के अनुरूप मिट्टी/काठ/धातु/पत्थर — ध्यान रखें: पर्यावरण-हितैषी विकल्प (reusable/idols) भी सुझाये जा रहे हैं। हालिया लेखों में एक ही मूर्ति को बार-बार प्रयोग कर पर्यावरण बचाने के उदाहरण भी मिलते हैं। 

3. शुभ दिशा — वास्तु के अनुसार मूर्ति का मुख उत्तर/पूर्व/ईशान (उत्तर-पूर्व) की ओर रखने को शुभ माना जाता है; दक्षिण की ओर मुख न रखें। 

2) शुभ मुहूर्त और समय

परंपरागत रूप से गणेश स्थापना के लिए शुभ मुहूर्त या गणेश चतुर्थी का दिन चुना जाता है; स्थानीय पंचांग और तिथि अनुसार मुहूर्त देखें। 2025 के त्यौहार कवरेज में भी यही सुझाव मिलता है — शुभ मुहूर्त का ध्यान जरूरी। 

3) चरण-दर-चरण स्थापना विधि (सरल और प्रयोगयोग्य)

1. मंच पर सफेद कपड़ा बिछाएँ, यदि संभव हो तो चावल/गरिष्ठ अनाज पर प्लेस करें। 
2. कलश स्थापना: पानी, थोड़ा सा चावल/कच्चा नमक रखें और कलश पर नारियल + मौली बांधें (यदि परंपरा के अनुसार)। 
3. मूर्ति को सावधानी से रखें — यदि हाथ में दंड/सुगन्धि आदि हैं तो व्यवस्थित रखें। मुर्ति की सूंड और दिशा का वास्तु अनुसार ध्यान रखें। 
4. पंचोपचार / षोडशोपचार — धूप, दीप, नैवेद्य (मोदक इत्यादि), पुष्प, अक्षत (चावल), गंध (इत्र/कपूर)। प्रतिदिन सुबह-शाम आरती और भोग दें। 
5. मंत्रों में सामान्यतः “ॐ गं गणपतये नमः” या गणेश-विशिष्ट स्तोत्र/चँट के उच्चारण का प्रावधान रखें। (स्थानीय पुरोहित/पंडित के अनुसार विशेष मंत्र लें)। 


गणेश स्थापना विधि: घर पर पूजा, दिशा, मुहूर्त, मंत्र और निस्तारण गाइड

4) स्थापना के बाद रोज़ की प्रथाएँ

प्रतिदिन आरती, फूल-भोग और दीपक।
मूर्ति को जमीन के बहुत नीचे या अधिक ऊँचे स्थान पर न रखें — मध्यम ऊँचाई श्रेष्ठ मानी जाती है। 

5) गणेश जी की पुरानी मूर्ति का क्या करना चाहिए?

1. यदि मिट्टी/इक-यूज (eco) मूर्ति है — पारंपरिक रूप से विसर्जन (समुद्र/नदी में) किया जाता है परंतु प्रदूषण चिंताओं के कारण अब निर्देश मिलते हैं कि प्रदूषण-रहित (eco-friendly) विधि से विसर्जन करें या नम-स्थल/बरगीर में ही छोड़ा जाए। 

2. यदि धातु/सोनचांदी/प्लास्टिक की मूर्ति — इन्हें धोकर (गंगाजल यदि उपलब्ध) साफ करके सुरक्षित स्थान (तिजोरी/अलमारी) में रखें; पुनः पूजा के लिए उपयोग हो सकता है। NDTV समेत धार्मिक मार्गदर्शिकाएँ यही सलाह देती हैं। 

3. विसर्जन का समय — सुबह का समय शुभ माना जाता है; मंगलवार शाम/सूर्यास्त के बाद विसर्जन से बचें जैसी पारंपरिक चेतावनियाँ भी मिली हैं। 

4. पुरानी मूर्ति पुनरुक्ति (re-use) — कई स्थानों पर एक ही मूर्ति को वर्षों तक उपयोग करने के सकारात्मक पर्यावरणीय उदाहरण मिलते हैं — यदि मूर्ति क्षतिग्रस्त न हो तो उसे सँजो कर रखना सर्वथा स्वीकार्य है। 

6) सामान्य Vastu-tips और गलतियाँ जिनसे बचें

गणेश मूर्ति का मुख दक्षिण की ओर न हो। 
मुख्य द्वार पर लगाने में ध्यान रखें: द्वार के ठीक सामने न रखें जहाँ सीधा मार्ग बने — थोड़ा बायाँ-दाँया स्थान उपयुक्त होता है।

7) जब आप भूल-चूक कर दें — क्या करें?

यदि स्थापना में कोई छोटी-मोटी गलती हो गयी हो (दिशा/वक्त की), तो पंडित से सुझाव लेकर पुनः शुद्धि/पुनः स्थापना कराना बेहतर बताया गया है — कई स्रोतों में यही सलाह दी गयी है। 

Suggested Authoritative Sources (सुझाव — संदर्भ के लिए)

LiveHindustan — “गणेश चतुर्थी 2025 — स्थापना विधि” (स्थानीय मुहूर्त/विधि). 
NDTV Faith — “Diwali के बाद लक्ष्मी-गणेश की पुरानी मूर्ति का क्या करें” (पुरानी मूर्ति पर दिशानिर्देश)। 
Jansatta (Vastu guidance) — गणेश मूर्ति के वास्तु-नियम। 
Webdunia — पारंपरिक स्थापना-विधि (पंचोपचार/कलश/मंत्र)। 
स्टेट मिरर / Live news coverage — 2025 के स्थापना-निर्देश। 




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