Skip to main content

Featured

Google Gemini AI Nano Banana से अपने रेट्रो साड़ी पिक्चर कैसे बनाएं: स्टेप-बाय-स्टेप गाइड

आजकल AI हर चीज़ कर रहा है – प्लेलिस्ट बनाने से लेकर आउटफिट स्टाइल करने तक। अब इसने भारत की सबसे प्यारी ड्रेस, साड़ी, पर भी अपना जादू चला दिया है। Google के Gemini AI Nano Banana टूल की मदद से सोशल मीडिया पर रेट्रो साड़ी के सपनों जैसे एडिट्स छाए हुए हैं। सोचिए, हल्की चिफ़ॉन साड़ी हवा में उड़ती हुई, 60s और 70s की पोल्का डॉट साड़ी से सजी हुई या सुनहरी रोशनी में चमकती काली साड़ी। सबसे अच्छी बात? इसके लिए प्रोफेशनल एडिटर बनने की जरूरत नहीं है। कुछ आसान स्टेप्स में आप खुद को रेखा, हेमा मालिनी या विंटेज श्रीदेवी की तरह दिखा सकते हैं। साड़ी क्यों खास है साड़ी सिर्फ कपड़ा नहीं है, यह कहानी, यादें और पहचान है। पीढ़ियों से यह शक्ति, गरिमा और स्त्रीत्व का प्रतीक रही है। AI एडिट्स इसे नया रूप दे रहे हैं – पुराने जमाने का चार्म आधुनिक तरीके से पेश कर रहे हैं। चिफ़ॉन साड़ी का जादू चिफ़ॉन साड़ी को रेट्रो बॉलीवुड सेट में या हेंडलूम सिल्क को 70s की सेपिया फोटो में बदलना, हमें याद दिलाता है कि साड़ी ट्रेंड्स से परे है। यही कारण है कि ये AI-जनरेटेड रेट्रो साड़ी पिक्चर्स वायरल हो रहे हैं। Google Gemini AI ...

कैश में लेन-देन पड़ेगा भारी, तो ज़रा संभलकर! वरना देना पड़ेगा 100% जुर्माना (2025)

कैश में लेन-देन पड़ेगा भारी

ब्रेकिंग न्यूज़: ₹20,000 से ज़्यादा कैश लोन लेना या चुकाना अब भारी पड़ेगा, लगेगा 100% जुर्माना!

नई दिल्ली, 7 सितंबर 2025: अगर आप अपने दोस्त, रिश्तेदार या किसी अन्य व्यक्ति से ₹20,000 से ज़्यादा नकद में लोन लेने या चुकाने की सोच रहे हैं, तो सावधान हो जाइए! आयकर कानून की धारा 269SS और 269T के तहत यह गैर-कानूनी है, और ऐसा करने पर आपको लोन की पूरी रकम के बराबर जुर्माना देना पड़ सकता है। यानी, अगर आपने ₹1 लाख का कैश लोन लिया, तो आपको ₹1 लाख का जुर्माना भरना होगा। इसके अलावा, एक ही दिन में ₹2 लाख से ज़्यादा नकद लेन-देन पर भी 100% पेनल्टी का प्रावधान है।


क्या हैं ये नियम?

आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 269SS और 269T में साफ तौर पर कहा गया है कि ₹20,000 से अधिक का नकद लोन लेना या चुकाना गैर-कानूनी है। इसके साथ ही, धारा 269ST के तहत एक दिन में ₹2 लाख से ज़्यादा का नकद लेन-देन (चाहे वह लोन हो, उपहार हो या कोई अन्य भुगतान) भी प्रतिबंधित है। इन नियमों का उल्लंघन करने पर जुर्माना लेन-देन की पूरी राशि के बराबर हो सकता है।


नियमों का सारांश:

₹20,000 से अधिक कैश लोन लेना: धारा 269SS के तहत, अगर आप किसी व्यक्ति या संस्था से ₹20,000 से ज़्यादा नकद में लोन लेते हैं, तो आपको लोन की पूरी राशि के बराबर जुर्माना देना पड़ सकता है।

  • उदाहरण: ₹50,000 का नकद लोन लिया, तो ₹50,000 की पेनल्टी।
  • ₹20,000 से अधिक कैश में लोन चुकाना: धारा 269T के तहत, लोन की राशि नकद में चुकाना भी गैर-कानूनी है। इसमें भी 100% जुर्माने का प्रावधान है।
  • उदाहरण: ₹30,000 नकद में लोन चुकाया, तो ₹30,000 का जुर्माना।

एक दिन में ₹2 लाख से अधिक कैश ट्रांजैक्शन: धारा 269ST के तहत, एक ही दिन में किसी एक व्यक्ति से ₹2 लाख से ज़्यादा का नकद लेन-देन (चाहे वह लोन, गिफ्ट या अन्य भुगतान हो) पर भी 100% जुर्माना लग सकता है।

उदाहरण: अगर आपने एक दिन में किसी से ₹3 लाख नकद लिए, तो ₹3 लाख की पेनल्टी।


इन नियमों का उद्देश्य क्या है?

सरकार ने इन नियमों को लागू करने का मकसद काले धन (ब्लैक मनी) पर लगाम लगाना और नकद लेन-देन को कम करना है। नकद में बड़े लेन-देन से काले धन का प्रवाह बढ़ता है, जिससे कर चोरी और अवैध गतिविधियों को बढ़ावा मिलता है। इन प्रावधानों के जरिए सरकार का लक्ष्य है:

  • पारदर्शिता बढ़ाना: डिजिटल और बैंकिंग लेन-देन को बढ़ावा देकर आर्थिक गतिविधियों को ट्रैक करना।
  • कर चोरी रोकना: नकद लेन-देन को कम करके टैक्स सिस्टम को मजबूत करना।
  • डिजिटल अर्थव्यवस्था को बढ़ावा: UPI, NEFT जैसे डिजिटल पेमेंट सिस्टम को प्रोत्साहित करना।


कब लागू नहीं होता यह नियम?

कुछ मामलों में ये नियम लागू नहीं होते:

  • अगर लेन-देन किसी बैंक, डाकघर, सहकारी बैंक या सरकार के साथ हो।
  • अगर लेन-देन किसी विशेष परिस्थिति में हो, जिसे आयकर विभाग ने छूट दी हो।
  • लेकिन व्यक्तिगत लेन-देन (जैसे दोस्तों या रिश्तेदारों के बीच) में ये नियम सख्ती से लागू होते हैं।


कैसे रहें सुरक्षित?

वित्तीय विशेषज्ञों का कहना है कि नकद में बड़े लेन-देन से बचना चाहिए। इसके बजाय, निम्नलिखित सुरक्षित और कानूनी तरीकों का उपयोग करें:

  • UPI: यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (जैसे Google Pay, PhonePe, Paytm) के जरिए तुरंत और सुरक्षित भुगतान।
  • NEFT/RTGS/IMPS: बैंक खातों के बीच बड़े लेन-देन के लिए ये तरीके सबसे विश्वसनीय हैं।
  • चेक या ड्राफ्ट: बड़े लेन-देन के लिए चेक या डिमांड ड्राफ्ट का उपयोग करें, जो पूरी तरह ट्रैक करने योग्य होता है।
  • बैंक ट्रांसफर: डायरेक्ट बैंक ट्रांसफर के जरिए लोन लेना या चुकाना।


क्या करें अगर गलती हो जाए?

अगर आपने अनजाने में ₹20,000 से अधिक का नकद लेन-देन कर लिया है, तो तुरंत किसी चार्टर्ड अकाउंटेंट या टैक्स विशेषज्ञ से सलाह लें। कई बार आयकर विभाग को सही जानकारी देकर और उचित दस्तावेज पेश करके जुर्माने से बचा जा सकता है। हालांकि, जानबूझकर नियम तोड़ने पर सख्त कार्रवाई हो सकती है।


निष्कर्ष

₹20,000 से ज़्यादा का नकद लोन लेना या चुकाना अब महंगा सौदा हो सकता है। आयकर विभाग की नजर में यह गैर-कानूनी है, और इससे बचने के लिए डिजिटल पेमेंट या बैंकिंग चैनलों का उपयोग करें। सरकार का मकसद नकद लेन-देन को कम करके अर्थव्यवस्था को पारदर्शी बनाना है। इसलिए, अगली बार लोन लेने या चुकाने से पहले दो बार सोचें और डिजिटल तरीकों को अपनाएं।

सुझाव: अगर आपको लोन से संबंधित कोई दस्तावेज तैयार करना है, तो उसे लिखित रूप में रखें और बैंकिंग चैनलों का उपयोग करें। इससे न सिर्फ आप कानूनी पचड़ों से बचेंगे, बल्कि आपका लेन-देन पूरी तरह सुरक्षित और पारदर्शी रहेगा।

अधिक जानकारी के लिए अपने नजदीकी चार्टर्ड अकाउंटेंट या आयकर विभाग की वेबसाइट पर जाएं।

Comments