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GST 2.0 में हुए मुख्य बदलाव, जानिए क्या पड़ेगा आपके जीवन पर असर ?
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GST 2.0 |
जीएसटी में ऐतिहासिक बदलाव: अब सिर्फ दो स्लैब - 5% और 18%, आम आदमी को बड़ी राहत
नई दिल्ली,(स्पेशल रिपोर्ट) - भारत की जीएसटी व्यवस्था में बड़ा परिवर्तन होने वाला है। केंद्रीय जीएसटी परिषद ने गुरुवार को अनुमोदित किए गए सुधारों के तहत जीएसटी स्लैब को सरल बनाते हुए अब सिर्फ दो मुख्य दरें - 5% और 18% - लागू करने का फैसला किया है। 12% और 28% की स्लैब को पूरी तरह समाप्त कर दिया गया है। यह बदलाव 22 सितंबर 2025 से प्रभावी होगा, जो नवरात्रि और दिवाली से ठीक पहले लागू होकर उपभोक्ताओं को 'त्योहारी तोहफा' साबित होगा।
यह सुधार न केवल कर प्रणाली को अधिक पारदर्शी और आसान बनाएंगे, बल्कि रोजमर्रा की वस्तुओं को सस्ता करने, किसानों को राहत देने और पर्यावरण-अनुकूल तकनीक को बढ़ावा देने पर केंद्रित हैं। वित्त मंत्री ने इसे "जीएसटी 2.0" का नाम देते हुए कहा कि इससे छोटे व्यवसायों को भी फायदा होगा।
रोजमर्रा की वस्तुएं सस्ती, घरेलू खर्च में कमी
सबसे बड़ी राहत आम उपभोक्ताओं को मिलेगी। घरेलू उपयोग की अधिकांश वस्तुओं को अब 0% या 5% के स्लैब में डाल दिया गया है। दैनिक जरूरतों जैसे कि अनाज, दालें, सब्जियां, दूध उत्पाद और अन्य आवश्यक सामान पर जीएसटी शून्य या न्यूनतम रहेगा। इससे महंगाई पर अंकुश लगेगा और मध्यम वर्ग के परिवारों का बजट संतुलित रहेगा। विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) को नियंत्रित करने में मददगार साबित होगा।
दोपहिया और छोटी कारें सुलभ, लग्जरी वाहनों पर सख्ती
मध्यम वर्ग के लिए एक और अच्छी खबर: 350 सीसी तक की मोटरसाइकिलें और छोटी कारें अब 28% से घटकर 18% जीएसटी के दायरे में आ जाएंगी। इससे दोपहिया वाहनों की कीमत में 5-7% की कमी आ सकती है, जो युवाओं और ग्रामीण क्षेत्रों में लोकप्रिय हैं। वहीं, 350 सीसी से ऊपर की बड़ी बाइकें और लग्जरी कारों पर कर को 40% तक बढ़ा दिया गया है, जो पहले लगभग 42% (कंपेंसेशन सेस सहित) था। यह कदम विलासिता पर कर वसूली बढ़ाने और आय असमानता को कम करने का प्रयास है।
शिक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्र को बढ़ावा
छात्रों और अभिभावकों के लिए खुशखबरी: रबर इरेजर, नोटबुक, मैप्स, पेंसिल बॉक्स जैसी स्कूली सामग्री पर अब जीएसटी शून्य हो गया है। इससे शिक्षा का खर्च कम होगा और गरीब परिवारों को राहत मिलेगी। इसी तरह, स्वास्थ्य और जीवन बीमा पॉलिसी पर भी जीएसटी को पूरी तरह हटा दिया गया है, जो 'अदृश्य' बीमा योजनाओं को किफायती बनाएगा। स्वास्थ्य मंत्री ने इसे "जन-कल्याणकारी कदम" बताया है।
कृषि और पर्यावरण को प्राथमिकता
किसानों को विशेष लाभ: उर्वरक, बीज, कृषि औजार और अन्य खेती से जुड़ी वस्तुओं पर जीएसटी दरें कम कर दी गई हैं। इससे उत्पादन लागत घटेगी और किसानों की आय बढ़ेगी। इसके अलावा, ग्रीन टेक्नोलॉजी को बढ़ावा देने के लिए ग्रीन हाइड्रोजन, बैटरी स्टोरेज, सोलर पैनल जैसी पर्यावरण-अनुकूल चीजों पर टैक्स में भारी कटौती की गई है। यह भारत के 'नेट जीरो' लक्ष्य को गति देगा।
निर्माण क्षेत्र में राहत, सीमेंट सस्ता
रियल एस्टेट और निर्माण उद्योग को भी फायदा: सीमेंट, स्टील, ईंटें और अन्य निर्माण सामग्री पर जीएसटी दरें कम की गई हैं। इससे घर बनाने का खर्च घटेगा और अफोर्डेबल हाउसिंग को बढ़ावा मिलेगा। इंडस्ट्री विशेषज्ञों का कहना है कि इससे रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे।
जीएसटी सिस्टम सरल, छोटे व्यवसायों को आसानी
सुधारों का एक प्रमुख हिस्सा जीएसटी प्रक्रिया को सरल बनाना है। ई-वे बिल, लेन-देन रिकॉर्डिंग और छोटे व्यवसायों के लिए नियमों को स्पष्ट कर दिया गया है। अब रिटर्न फाइलिंग आसान होगी और अनुपालन का बोझ कम पड़ेगा। उद्योग संगठन सीआईआई ने इसे "व्यवसाय-अनुकूल" बताया है।
ये बदलाव जीएसटी को और अधिक कुशल बनाने की दिशा में एक मील का पत्थर साबित होंगे। सरकार का अनुमान है कि इससे राजस्व में कोई कमी नहीं आएगी, बल्कि आर्थिक गतिविधियां बढ़ेंगी। हालांकि, कुछ विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि लग्जरी आइटम्स पर 40% स्लैब से आयातित वस्तुओं पर प्रभाव पड़ सकता है। कुल मिलाकर, यह सुधार आम जनता के हित में एक सकारात्मक कदम है। अधिक जानकारी के लिए जीएसटी पोर्टल पर जाएं।
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